बिहार भूमि सर्वेक्षण की अंतिम तिथि: अगर आप बिहार राज्य के निवासी हैं और अभी तक अपनी जमीन के सर्वे के लिए स्व-घोषणा नहीं कर पाए हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम हो सकती है। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि को बढ़ाने की संभावना जताई है। इस लेख में, हम आपको बिहार भूमि सर्वेक्षण की मौजूदा स्थिति, संभावित विस्तार, अब तक हुए सर्वेक्षणों की प्रगति और इस संबंध में सरकार की ओर से दिए गए बयानों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है बिहार भूमि सर्वेक्षण?
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन समय-समय पर इसमें रुकावटें आई हैं। यह सर्वेक्षण राज्य के सभी भूमि मालिकों के लिए आवश्यक है क्योंकि इससे जमीन के स्वामित्व, माप-जोख और वंशावली को सही तरीके से दर्ज किया जा सकेगा। इससे न केवल विवादों का समाधान होगा बल्कि सरकारी रिकॉर्ड भी अधिक सटीक होंगे।
क्या हो सकता है समय सीमा में विस्तार?
बिहार विधानसभा में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने हाल ही में संकेत दिया कि सॉफ्टवेयर में आई तकनीकी समस्याओं और अन्य बाधाओं को देखते हुए भूमि सर्वेक्षण की अंतिम तिथि बढ़ाई जा सकती है। सरकार इस विषय पर गहराई से विचार कर रही है और प्रमंडलों से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके आधार पर, अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि समय सीमा को आगे बढ़ाया जाए या नहीं।
अब तक कितने लोगों ने किया है स्व-घोषणा?
बिहार सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक करीब 84 लाख लोगों ने स्व-घोषणा प्रक्रिया पूरी कर ली है। हालांकि, बड़ी संख्या में लोग अभी भी इस प्रक्रिया से वंचित हैं। इस वजह से सरकार उन लोगों को एक और मौका देने के लिए समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि वे भी अपनी जमीन का रिकॉर्ड सही तरीके से दर्ज करवा सकें।
बिहार विधानसभा में विभागीय बजट पर चर्चा के दौरान मंत्री संजय सरावगी ने स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण की अंतिम तिथि दिसंबर 2026 तक निर्धारित की गई है। लेकिन बीते कुछ महीनों में तकनीकी खामियों और सॉफ्टवेयर की समस्याओं के कारण कई लोगों को स्व-घोषणा दर्ज कराने में परेशानी हुई है। इसी कारण सरकार समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है।
ऑनलाइन शिकायत पोर्टल की होगी शुरुआत
सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी शिकायतों की निगरानी अभी तक ठीक से नहीं हो पा रही थी। इसलिए, अब एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिससे आम नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे और यह भी जान सकेंगे कि उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई की जा रही है। यह पोर्टल आने वाले 10-15 दिनों के भीतर चालू होने की उम्मीद है।
भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया पूरी करने के लिए क्या करना होगा?
यदि आप अब तक अपनी जमीन की स्व-घोषणा नहीं कर पाए हैं, तो जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी करें। इसके लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- स्व-घोषणा फॉर्म डाउनलोड करें और सभी आवश्यक जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें, जैसे भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, वंशावली आदि।
- फॉर्म सबमिट करें और रसीद प्राप्त करें।
- भविष्य में किसी भी समस्या से बचने के लिए रसीद और अन्य दस्तावेजों की एक प्रति अपने पास सुरक्षित रखें।
समय सीमा बढ़ने से किसे होगा फायदा?
यदि बिहार सरकार इस सर्वेक्षण की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने का निर्णय लेती है, तो इसका सबसे अधिक लाभ उन लोगों को मिलेगा जो अब तक स्व-घोषणा प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं। इससे भूमि विवादों को कम करने और सरकारी रिकॉर्ड को अपडेट करने में मदद मिलेगी।
बिहार में भूमि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो राज्य के सभी भूमि मालिकों के लिए जरूरी है। हालांकि, तकनीकी खामियों और अन्य कारणों से यह प्रक्रिया प्रभावित हुई है, जिससे सरकार समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। यदि आपने अब तक अपनी भूमि का सर्वेक्षण नहीं करवाया है, तो जल्द ही इसे पूरा करें। साथ ही, आगामी ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान भी पा सकते हैं।
इस विषय पर आगे की अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें और समय रहते अपनी जमीन की स्व-घोषणा करें।