बिहार बोर्ड 10वीं और 12वीं परीक्षा 2025: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने मैट्रिक (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) परीक्षाओं के पासिंग मार्क्स से जुड़े नए नियम जारी किए हैं। इन नए मानकों के अनुसार, छात्रों को हर विषय में न्यूनतम अंकों को पार करना अनिवार्य होगा। यदि कोई छात्र तय मानक से कम अंक प्राप्त करता है, तो उसे आगे की शिक्षा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
नए पासिंग मार्क्स नियम
BSEB ने थ्योरी (सिद्धांत) और प्रैक्टिकल (व्यावहारिक) परीक्षाओं के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक तय कर दिए हैं। अब छात्रों को दोनों खंडों में न्यूनतम अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा।
थ्योरी परीक्षा (सिद्धांत)
- प्रत्येक विषय में कम से कम 30% अंक प्राप्त करने होंगे।
- यदि विषय 100 अंकों का है, तो कम से कम 30 अंक अनिवार्य होंगे।
- यदि विषय 70 अंकों का है, तो कम से कम 21 अंक अनिवार्य होंगे।
प्रैक्टिकल परीक्षा (व्यावहारिक)
- प्रैक्टिकल वाले विषयों में न्यूनतम 40% अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा।
- यदि प्रैक्टिकल परीक्षा 30 अंकों की है, तो छात्रों को कम से कम 12 अंक लाने होंगे।
कुल मिलाकर पास होने के लिए आवश्यक अंक
- छात्रों को कुल मिलाकर न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होंगे।
- यदि परीक्षा 500 अंकों की है, तो कम से कम 165 अंक आवश्यक हैं।
- यदि परीक्षा 600 अंकों की है, तो कम से कम 198 अंक आवश्यक हैं।
डिवीजन (श्रेणी) का निर्धारण
बिहार बोर्ड ने परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों को तीन श्रेणियों (डिवीजन) में बांटने के नियम बनाए हैं।
प्रथम श्रेणी (First Division)
- जो छात्र कुल 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें प्रथम श्रेणी में रखा जाएगा।
- 500 अंकों की परीक्षा में 300 अंक या उससे अधिक लाने पर प्रथम श्रेणी मिलेगी।
- 600 अंकों की परीक्षा में 360 अंक या उससे अधिक लाने पर प्रथम श्रेणी दी जाएगी।
द्वितीय श्रेणी (Second Division)
- जो छात्र 45% से 59% के बीच अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें द्वितीय श्रेणी में रखा जाएगा।
- 500 अंकों की परीक्षा में 225-299 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को द्वितीय श्रेणी दी जाएगी।
- 600 अंकों की परीक्षा में 270-359 अंक प्राप्त करने वाले छात्र द्वितीय श्रेणी में आएंगे।
तृतीय श्रेणी (Third Division)
- जो छात्र 33% से 44% के बीच अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें तृतीय श्रेणी में रखा जाएगा।
- 500 अंकों की परीक्षा में 165-224 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को तृतीय श्रेणी मिलेगी।
- 600 अंकों की परीक्षा में 198-269 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को तृतीय श्रेणी में रखा जाएगा।
कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए क्या विकल्प हैं?
1. कम्पार्टमेंटल परीक्षा
- यदि कोई छात्र 1 या 2 विषयों में न्यूनतम पासिंग मार्क्स प्राप्त करने में असफल रहता है, तो उसे कम्पार्टमेंटल परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा।
- यह परीक्षा छात्रों को एक और मौका देती है ताकि वे फेल न हों और अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।
- कम्पार्टमेंटल परीक्षा की तिथि और प्रक्रिया बोर्ड द्वारा रिजल्ट जारी होने के बाद घोषित की जाएगी।
2. स्क्रूटनी (पुनर्मूल्यांकन)
- यदि किसी छात्र को लगता है कि उसे उम्मीद से कम अंक मिले हैं, तो वह स्क्रूटनी (रीचेकिंग) के लिए आवेदन कर सकता है।
- इस प्रक्रिया में उत्तर पुस्तिकाओं की पुनः जांच की जाती है और यदि कोई त्रुटि मिलती है, तो अंक संशोधित किए जाते हैं।
- स्क्रूटनी के लिए आवेदन की प्रक्रिया रिजल्ट जारी होने के बाद शुरू होगी और छात्र बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
✔ थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य है।
✔ यदि कोई छात्र एक से अधिक विषयों में फेल होता है, तो उसे साल दोबारा दोहराना पड़ सकता है।
✔ स्क्रूटनी और कम्पार्टमेंटल परीक्षा छात्रों को एक और मौका प्रदान करती है।
✔ रिजल्ट जारी होने के तुरंत बाद छात्र अपनी मार्कशीट ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं और उसके बाद अपने स्कूल से हार्ड कॉपी प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार बोर्ड द्वारा जारी किए गए नए पासिंग मार्क्स नियम छात्रों को अपने परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करते हैं। अब हर विषय में न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा, जिससे छात्रों को परीक्षा में गंभीरता से मेहनत करनी पड़ेगी। साथ ही, जिन छात्रों को कम अंक मिलते हैं, उनके लिए कम्पार्टमेंटल परीक्षा और स्क्रूटनी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी परीक्षा की अच्छी तैयारी करें ताकि उन्हें कम्पार्टमेंटल परीक्षा का सामना न करना पड़े।
सभी छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ! 🎉